मां तेरी बेटी बड़ी होने लगी है।
नन्ही नन्ही कदमों से चलने वाली
आज संभल के चलने लगी है
देखना मां तेरी प्यारी सी बेटी
आज बड़ी होने लगी है
हर समय बोलने वाली तेरी बेटी
आज देखना मां चुप रहने लगी है
खुद के फैसले लेने वाली आज
दूसरों के फैसले से खुश रहने लगी है
याद है मां मैं बचपन में अपनी चलाती थी
देख ना मां आज दूसरे की सुनने लगी है
मां मैं तेरे हर खाने पर मुंह बनाया करती थी ना
देख आज वही बेटी खाना बनाने लगी है
हमेशा खुश रहने वाली तेरी बेटी
आज अपने गमों को छुपाने लगी है
आजाद परिंदे सी रहने वाले तेरी बेटी
आज बंदिशों का सामना करने लगी है
जिसको पलकों पर आपने बिठा कर रखा था
आज देख ना मां, वो किसी के कदमों में बैठने लगी है
हमेशा दूसरों को हंसाने वाली तेरी बेटी
आज खुद दिल से रोने लगी है
घर पर हजार बहाने करने वाली
आज हजार बहानों के बीच लगने लगी है
देख ना मां तेरी प्यारी सी बेटी
अब बड़ी होने लगी है
मां याद है तुम्हे , खाने के टाइम
मैं कितने नखरे दिखाती थी
पर आज देखो मां तेरी
वो ही बेटी बिन खाए सोने लगी है
मां मैं भईया से कितना
टीवी के रिमोट के लिए लड़ती थी
पर आज देखो ना किस्मत का खेल
तेरी वो बेटी बिना टीवी देखें दिन गुजारने लगी है
सोने के लिए जो पूरा बिस्तर लेती थी
आज जमीन पर बिन चादर सोने लगी है
मां तुम बोलती थी ना मैं तेरे घर की रौनक हूं
देखना मां आज वो खुद में ही खोने लगी है
घर पर जो पानी की बोतल तक नहीं भरती थी
आज वह सब के जूठे बर्तन धोने लगी है
पापा की डांट पर बाथरूम में जाकर चुपके से रोने वाली
ससुराल वालों के हजार ताने सुनने लगी है
देख ना मां तेरी बेटी बड़ी होने लगी है
✍️मीनाक्षी राजपूत