पता ही नही चलता कि यहाँ अपना कौन हैं …।। Pta hi nahi chalta ki yaha apna kaun hai…।।

Posted on

 पता ही नही चलता कि यहाँ अपना कौन हैं ,

अगर सब साथ है तो फिर बदलता कौन हैं….


Bewafa shayari, alone shayari , sad hindi shayari, apna kaun kaun hai shayari, दर्द भरी शायरी, हिंदी शायरी, बेवफा शायरी



पता ही नही चलता कि यहाँ अपना कौन हैं ,

अगर सब साथ है तो फिर बदलता कौन हैं….


जाने वाले तो चले जाते हैं ,

फर्क इससे पड़ता हैं कि वापस पलटता कौन हैं….


अगर वो भी मेरा नही,

तो मेरा कौन है….


अगर उसने किया है वफा,

तो बेवफा कौन है….


किस खयालों में गुजर जाती हैं शाम मेरी ,

समझ नही आता दिमाग मे चलता कौन हैं….


जानना हो कि तुम्हारा भी है क्या कोई ??

तो ये देखना की तुम्हारी आँखे पढ़ता कौन हैं….


तकलीफ का दूसरा नाम हैं ज़िंदगी ,

बिना उसके यहाँ जी रहा कौन हैं….


हर बार ये जरूरी नही की तुम समझो सबको ,

अब ये समझो कि तुम्हे ज़रूरी समझता कौन हैं ….

पता ही नही चलता कि यहाँ अपना कौन हैं ,

अगर सब साथ है तो फिर बदलता कौन हैं।।।

=====//====//====//====//====//====//====//====

Pta hi nahi chalta ki yaha apna kaun hai

Agar sab sath hai to phir badalta koun hai


Jane wale to chale jate hai,

Fark itna padta hai ki wapas palat ta kaun hai


Agar wo bhi mera nahi,

To mera kaun hai


Agar usne Kiya hai wafa,

To Bewafa kaun hai


Kis khyalo me guzar jati hai shaam meri,

Samajh me nahi aata dimag me chalta kaun hai


Janna ho ki tumhara bhi hai kya koi…?

To ye dekhna ki tumhari aankhe padta kaun hai


Taklif ka dusra name hai zindagi,

Bina uske yaha jee rha kaun hai


Har baar ye jaruri nahi ki tum samjho sabko,

Ab ye samjho ki tumhe jaruri samajhta kaun hai…


Pta hi nahi chalta ki yaha apna koun hai

Agar sab sath hai to phir badalta kaun hai.



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *