आओ चलें
अंधियारे को दूर करें…✨
मिटाना है
एक खामोश अंधकार
जो फैला है विस्तृत
मन के पटल पर..
और ढूँढ लाना है
स्वयं को
उर्जा से भरे
प्रकाश पुंज की ओर…
एक स्वर्णिम दीप जलाकर
आओ चलें
अँधियारे को दूर करें…✨✨
क्या हुआ
जो खो गयी तुम
अपनों में स्वयं को खोजते खोजते
राहे दूर हो गयीं
सपनों से लड़ते लड़ते
कुछ थकान
ओढ़ लिए हैं तुमने..
और कुछ
चुन लिए हैं तुमने..
क्या हुआ!
रात के अँधेरों से
जीवन चलता कहाँ…
भोर की लाली से
जीवन थमता कहाँ…
चुन लो
वही राहें, वही सपनें
जो जीवन को
फिर तुम्हारे करीब लाए
मुकाबला करो
अँधेरों से नहीं
उस उर्जा से
जो तुम्हारे भीतर है
और तुमने उसे पनपने नही दिया….!!✨
आओ चलें दीप जलाएं
मन की उर्जा से..जीवन में..
रोशनी वहीं है पास तुम्हारे
जीवन के अंधेरों में साथ तुम्हारे
हर पल रही उम्मीद बनकर
तुम्हारे हौसलों में अँधेरों से लड़कर
सदा के लिए तुम्हारी रूह बनकर…!!✨
आओ चलें दीप जलाएं
फिर वही उम्मीद जगाएं…✨
एक दीया जलाना है
अपनी उम्मीद का
अपने हौसलों का
अपने लिए
अपनो के लिए..!✨✨